तेरे कई नावँ मेरी मैया,
कभी आई, कभी ऐयो, कभी ऐया ।।
जब मोके काँटो लागो पीरके मारे कहो ऐया,
जब कोई बात अच्छी लागी, तब हौँसके मारे कहो ऐया ।।
तेरे कई नावँ ……
जब मोके भुँख लागी, अपनो डुठो खबाब मोके ऐया
जब मोके प्यास लागी, अपनो दूध पिबव मोके ऐया ।।
तेरे कई नावँ ……
जब मय रोन लागो, जोकण बनके हसाँब मिर ऐया
जब मय बदमासी करो, बिलइया बनके डरपाव मिर ऐया ।।
तेरे कई नावँ ……
जब मोके जाडो लागो, अपन आँचरामे लुकाव मिर ऐया
जब मय नेगन बारो भव, उँगुरी पकडके निगाव मिर ऐया ।।
तेरे कई नावँ ……
जब मय कुछ सिखन बारो भव, हथौरी धरके सिखाव मिर ऐया
जब मय ज्वान भव, दुई टाँगसे चार टाँग बनाव मिर ऐया ।।
तेरे कई नावँ ……
सारी उमर मेरे ताहीँ, अपनी खुशी लुटाव मिर ऐया ।
मय तोके दुई बुन्दा आँसु चढावत हवँ जहे स्वीकार कर मिर ऐया ।।
तेरे कई नावँ ……
(कञ्चनपुर, नेपाल)
आई, ऐयो, ऐया, मैया = आमा